विफल होता दलबदल कानून
ताज़ा वाक्या गोवा का है जहां के 15 में से 10 कांग्रेस विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया। कर्नाटक में सत्ताधारी दलों के 10 से ज्यादा विधायकों ने 'असंतुष्ट' होने के कारण इस्तीफा दे दिया। इससे भाजपा के सत्ता पे आसीन होने का मार्ग प्रसस्त हुआ। विगत वर्षों के घटनाक्रम को देखें तो अरूणाचल प्रदेश, झारखंड,कर्नाटक में ये पहले भी हुआ है। यह सत्ता का 'लोकतांत्रिक तख्तापलट' हीं है। इन्दिरा गांधी के शासन में भी ये काफी हुआ।आज भाजपा इसमे रुचि ले रही है। सबसे ज्यादा राजनीतिक चंदा पाने वाली भाजपा चंदे का उपयोग कर रही है। धनतंत्र के आगे लोकतंत्र बौना दिख रहा है। इस माहौल मे दलबदल कानून अपनी विस्वसनीयता व उपयोगिता खोता जा रहा है।
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