FDI भारत मे।
FDI भारत मे।
अच्छे पक्छ :
- भारत मे किसानो का भला होगा , क्यूंकि बड़े रिटेलर डायरेक्ट किसानो से खरीदेंगे इससे जहाँ उन्हें 5 रुपया मिलता था अब उससे ज्यादा मिलेगा।
- ग्राहक को फायदा होगा और उसे बढ़िया प्रोडक्ट कम दाम मे मिलेगा।
- बड़ी बड़ी कम्पनीज भारत मैं आयेंगी और अपने सामान को रखने लिए कोल्ड स्टोर बनायेंगी जिससे भारत के कोल्ड स्टोरेज की प्रोब्लेम कम होगी।
- fdi के आने पर भारत मैं करीब 25 लाख नई नौकरी मिलेंगी।
बुरे पक्छ :
- ऐसी कम्पनीज का मकसद मुनाफा हर हाल मैं ज्यादा से ज्यादा होता है ,इस लिए ये किसानो से कम दाम पर ही सामान लेती हैं जिन देशो मैं FDI गया है वहां यह पाया गया है की किसानो की आमदनी कम हुई है।
- सुरुअत मैं ऐसी कंपनीयां ग्राहंको को सस्ते मैं सामान देती हैं ,पर बाद मैं जब छोटे रिटेलर्स मार्किट से बाहर हो जातें हैं तो ये अपनी मनमानी करने लगती हैं।
- भारत मैं भले FDI की बात अभी सुरु हुई हो लेकिन कोल्ड स्टोर मे इन्वेस्टमेंट के रस्ते हमेशा से खुले रहें हैं ,तो अगर इन कम्पनीज को भारत मैं कोल्ड स्टोरेज मैं इन्वेस्ट करना होता तोह यें पहले भी इन्वेस्ट कर सकती थीं , तो अगर देखा जाये तोह ये केवल अपने उपयोग भर हीन कोल्ड स्टोर का विकाश करेंगे और भारत की ज़रूरत से इनका कोई खास सरोकार नहीं होगा।
- फ़िलहाल रिटेल सेक्टर भारत मैं 4 करोड़ नौकरिया सृजित करता है , जिसके FDI आने से उजाड़ जाने की संभावना है।
- कई देशो मैं FDI तथा एम्प्लोयेस के बीच सैलरी को लेकर भी काफी जिक -शिक होती रहती है।
सारांश :
FDI को भारत मैं लाना चहिये लेकिन उन सरे पहलुओ पर ध्यान देने की ज़रूरत है तथा उन देशो से भी जिनमें FDI पहले से आ चूका है ,इस प्रकार भारत सरकार को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिये की इसके दुस्प्रभाव को कम से कम किया जा सके।
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